THE BASIC PRINCIPLES OF SIDH KUNJIKA

The Basic Principles Of sidh kunjika

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नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥ ६ ॥

This Mantra is created in the shape of a dialogue between a guru and his disciple. This Mantra is understood being The true secret to a tranquil state of intellect. 

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

ऐङ्कारी सृष्टिरूपायै ह्रीङ्कारी प्रतिपालिका ।

शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।

ऐं-कारी सृष्टि-रूपायै, ह्रींकारी प्रतिपालिका।

मारणं मोहनं वश्यं स्तंभनोच्चाटनादिकम् ।

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

मनचाहा फल पाने के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता check here बहुत मायने रखती है.

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं ।

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

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